गीत* नया मुकाम*
सुबह हो शाम हो, दिन हो या रात हो।
आओ मेहनत मिलकर करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।।
काम की होड़ में दौड़कर देखिये।
काम चोरी को तभी छोड़कर देखिये।
मेहनत और लगन की तुम दो एक मिसाल।
इसमें खुद को डूबोकर तुम देखिये।
तुम अगर साथ दो , हाथो में हाथ दो।
सारी दुनिया को पीछे छोड़ दे ।।
एक नया मुकाम हासिल करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।।
काम करने कोई न होता है वक्त।
जब भी जी चाहे इसे करो तुम सब।
सिर्फ दो अंक का प्रश्न हल को मिला।
जोड़ करना था हम ने दिया है घटा।
एक अंक हम है एक अंक तुम हो।
आओ दोनों यु जोड़ दे।।
एक नया मुकाम हासिल करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।।
मेहनत और लगन की हम शादी करे।
संग रहने का इनको आदि करे।
अब न होंगे एक दूसरे से हम यू अलग।
सारी कर्मशाला में ये मुनादी करे।
हमने जितना देखा बस उतना लिखा।
अब ये पन्ना यही मूड दे।।
एक नया मुकाम हासिल करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।।
सुबह हो शाम हो दिन हो या रात हो।
आओ मेहनत मिलकर करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।
एक नया मुकाम हासिल करे।।
संजय जैन (मुम्बई)
No comments:
Post a Comment