*बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान - व अनंत न्यूज प्रिंट मीडिया की और से कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर एक सन्देश आप सभी के नाम*
*इस कविता के माध्यम से आप सभी लोग कितने प्रेरित होते है। आप अपने विचार मुझ तक वॉट्सएप नम्बर 9672414811 के माध्यम से अवश्य भेजे।*
*इस कविता के माध्यम से गरीबों के दर्द को लिखने की हिम्मत जो जुटा पाया हूं उसी दर्द को ओर उस गरीब की भावनाओ को अपने ऊपर लेकर एक बार अवश्य देखे - कवि लेखक - हरिश शर्मा*
*नहीं मांगना चाहता वो भोजन - राशन किसी अमीर से*
*पर लाचार है कोरोना वायरस जैसी महामारी के मार से*
*लक्ष्मणगढ़ - (सीकर) - 14 - अप्रेल - 2020*
बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान के आयोजनकर्ता कवि लेखक - हरिश शर्मा ने मजबुर,लाचार,जरुरतमंद गरीब तबके के लोगों के दर्द को कविता के माध्यम से बयां करते हुए सभी भामाशाह दानवीरों से निवेदन करते हुए कहा कि इन मजबुर गरीबों की लाचारी का मजाक मत बनाओ। बहुत अच्छी व सराहनीय बात है कि आप देश के लिए इस विपदा के समय में इन लोगों की मदद कर रहे है पर मदद के नाम पर उनकी इज्जत व गरीबी को उछाल कर उनको शर्मिंदा ना करें। क्योंकि याद रहें ऊपर वाला तो एक ना एक दिन सबका हिसाब लेते हुए सबकी हस्ती मिटायेगा। सभी दानवीरों से करबद्ध निवेदन किसी गरीब को कुछ देकर उसकी फोटो खींचकर उसे शेयर ना करें क्योंकि इस कविता के माध्यम से गरीबों के दर्द को लिखने की हिम्मत जो जुटा पाया हूं उसी दर्द को ओर उस गरीब की भावनाओ को अपने ऊपर लेकर एक बार अवश्य देखे। *इस कविता के माध्यम से आप सभी लोग कितने प्रेरित होते है। आप अपने विचार मुझ तक वॉट्सएप नम्बर 9672414811 के माध्यम से अवश्य भेजे।*
भोजन ऐसा दीजिए साहब जो काम आ सके
और निवाला ऐसा दीजिए साहब जो किसी गरीब के पेट में जा सके।
क्या फायदा ऐसे भोजन को वितरित करने का जो काम ही ना आ सके।
अरे साहब आपका ऐसा भोजन भी किस काम का जो कोई गरीब खा ही ना सकें।
ऊपर वाला तो एक ना एक दिन सबका हिसाब लेते हुए सबकी हस्ती मिटायेगा
आपके भोजन से अच्छा तो यही है साहिब एक गरीब भूखा ही सो जायेगा
क्या ऐसे भोजन को आप लोग भी खा पाओगे
या भोजन के नाम पर नाम कमाते हुए यू ही किसी लाचार गरीब का मजाक बनाओगे
जरूरी नहीं खाना साहेब 500 लोगों को ही खिलाएं
खाना साहेब जी दस को ही खिला दो पर खिलाओ ऐसा की खाने वाले गरीब की काया ही तृप्त हो जाये ।
गरीब को भोजन राशन देते की पोस्ट बनाकर शेयर करवाओगे
पर एक दिन आप लोगों के हालात खराब हो गए ओर कोई आपको खाना खिलाएं या राशन दे तो क्या वो पोस्ट शेयर कर पाओगे
अरे साहब कब तक दान पुण्य के नाम पर किसी गरीब का मजाक बनाओगे
जब ऐसा आपके साथ हुआ तो क्या किसी को माफ़ करके खुश रहने का आशीर्वाद दे पाओगे
मैने आज 200 रुपए का आटा व 50 रुपए के केले बट वाये ये लोगों को दिखाओगे
जब तक किसी गरीब को देते की सेल्फी अच्छे से नहीं आयेगी तब तक सेल्फी के नाम पर उस गरीब का मजाक बनाओगे
किसी गरीब को भोजन राशन देते की फोटो khichwaoge
फिर उस गरीब की लाचारी को इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में पब्लिश करवाओगे
मत करो यू बदनाम किसी गरीब को ना बनाओ मजाक किसी गरीब का
साथ दो ऐसे की किसी गरीब का, आप से वो कुछ पाकर खिल जाएं घर खुशियों से उस गरीब का
नहीं मांगना चाहता वो भोजन - राशन किसी अमीर से
पर लाचार है कोरोना वायरस जैसी महामारी के मार से
*किसी के बाप नहीं है तो किसी की भाई - मां - बहिन बीमार है,
इस लिए वो आपसे कुछ भीख मानकर ले रहा है क्योंकि वो लाचार है
हाथ जोड़कर कवि शर्मा निवेदन करता है मजाक मत बनाओ किसी गरीब की लाचारी पर
दान - पुण्य करो गुप्त ऐसे की पूरा भारत भारी पड़े इस महामारी पर
क्या आपका सपना यही है कि भोजन वितरण का आंकड़ा 500 या इससे ज्यादा जा पाएगा
ऐसे भोजन को खाने से बेहतर तो वो गरीब भूखा सोते हुए इस दुनिया से ही चला जायेगा।
*कवि लेखक - हरिश शर्मा की कलम से✍️✍️*
*आयोजनकर्ता - बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान*
*इस कविता के माध्यम से आप सभी लोग कितने प्रेरित होते है। आप अपने विचार मुझ तक वॉट्सएप नम्बर 9672414811 के माध्यम से अवश्य भेजे।*
*इस कविता के माध्यम से गरीबों के दर्द को लिखने की हिम्मत जो जुटा पाया हूं उसी दर्द को ओर उस गरीब की भावनाओ को अपने ऊपर लेकर एक बार अवश्य देखे - कवि लेखक - हरिश शर्मा*
दान - पुण्य करो गुप्त ऐसे की पूरा भारत भारी पड़े इस महामारी पर
*नहीं मांगना चाहता वो भोजन - राशन किसी अमीर से*
*पर लाचार है कोरोना वायरस जैसी महामारी के मार से*
सभी भोजन व राशन वितरण कर्ताओ को समर्पित कवि शर्मा की कलम से चंद पंक्तियां
*लक्ष्मणगढ़ - (सीकर) - 14 - अप्रेल - 2020*
बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान के आयोजनकर्ता कवि लेखक - हरिश शर्मा ने मजबुर,लाचार,जरुरतमंद गरीब तबके के लोगों के दर्द को कविता के माध्यम से बयां करते हुए सभी भामाशाह दानवीरों से निवेदन करते हुए कहा कि इन मजबुर गरीबों की लाचारी का मजाक मत बनाओ। बहुत अच्छी व सराहनीय बात है कि आप देश के लिए इस विपदा के समय में इन लोगों की मदद कर रहे है पर मदद के नाम पर उनकी इज्जत व गरीबी को उछाल कर उनको शर्मिंदा ना करें। क्योंकि याद रहें ऊपर वाला तो एक ना एक दिन सबका हिसाब लेते हुए सबकी हस्ती मिटायेगा। सभी दानवीरों से करबद्ध निवेदन किसी गरीब को कुछ देकर उसकी फोटो खींचकर उसे शेयर ना करें क्योंकि इस कविता के माध्यम से गरीबों के दर्द को लिखने की हिम्मत जो जुटा पाया हूं उसी दर्द को ओर उस गरीब की भावनाओ को अपने ऊपर लेकर एक बार अवश्य देखे। *इस कविता के माध्यम से आप सभी लोग कितने प्रेरित होते है। आप अपने विचार मुझ तक वॉट्सएप नम्बर 9672414811 के माध्यम से अवश्य भेजे।*
भोजन ऐसा दीजिए साहब जो काम आ सके
और निवाला ऐसा दीजिए साहब जो किसी गरीब के पेट में जा सके।
क्या फायदा ऐसे भोजन को वितरित करने का जो काम ही ना आ सके।
अरे साहब आपका ऐसा भोजन भी किस काम का जो कोई गरीब खा ही ना सकें।
ऊपर वाला तो एक ना एक दिन सबका हिसाब लेते हुए सबकी हस्ती मिटायेगा
आपके भोजन से अच्छा तो यही है साहिब एक गरीब भूखा ही सो जायेगा
क्या ऐसे भोजन को आप लोग भी खा पाओगे
या भोजन के नाम पर नाम कमाते हुए यू ही किसी लाचार गरीब का मजाक बनाओगे
जरूरी नहीं खाना साहेब 500 लोगों को ही खिलाएं
खाना साहेब जी दस को ही खिला दो पर खिलाओ ऐसा की खाने वाले गरीब की काया ही तृप्त हो जाये ।
गरीब को भोजन राशन देते की पोस्ट बनाकर शेयर करवाओगे
पर एक दिन आप लोगों के हालात खराब हो गए ओर कोई आपको खाना खिलाएं या राशन दे तो क्या वो पोस्ट शेयर कर पाओगे
अरे साहब कब तक दान पुण्य के नाम पर किसी गरीब का मजाक बनाओगे
जब ऐसा आपके साथ हुआ तो क्या किसी को माफ़ करके खुश रहने का आशीर्वाद दे पाओगे
मैने आज 200 रुपए का आटा व 50 रुपए के केले बट वाये ये लोगों को दिखाओगे
जब तक किसी गरीब को देते की सेल्फी अच्छे से नहीं आयेगी तब तक सेल्फी के नाम पर उस गरीब का मजाक बनाओगे
किसी गरीब को भोजन राशन देते की फोटो khichwaoge
फिर उस गरीब की लाचारी को इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में पब्लिश करवाओगे
मत करो यू बदनाम किसी गरीब को ना बनाओ मजाक किसी गरीब का
साथ दो ऐसे की किसी गरीब का, आप से वो कुछ पाकर खिल जाएं घर खुशियों से उस गरीब का
नहीं मांगना चाहता वो भोजन - राशन किसी अमीर से
पर लाचार है कोरोना वायरस जैसी महामारी के मार से
*किसी के बाप नहीं है तो किसी की भाई - मां - बहिन बीमार है,
इस लिए वो आपसे कुछ भीख मानकर ले रहा है क्योंकि वो लाचार है
हाथ जोड़कर कवि शर्मा निवेदन करता है मजाक मत बनाओ किसी गरीब की लाचारी पर
दान - पुण्य करो गुप्त ऐसे की पूरा भारत भारी पड़े इस महामारी पर
क्या आपका सपना यही है कि भोजन वितरण का आंकड़ा 500 या इससे ज्यादा जा पाएगा
ऐसे भोजन को खाने से बेहतर तो वो गरीब भूखा सोते हुए इस दुनिया से ही चला जायेगा।
*कवि लेखक - हरिश शर्मा की कलम से✍️✍️*
*आयोजनकर्ता - बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान*
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