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अरमान सजा कर रखा है ।

विषय :- अरमान सजा कर रखा है ।


जितना हुआ उतना खुशियां ही बांट सका है ,
खुद प्यासा, पर दुनिया के लिए समंदर बना रखा है ।
बात नहीं काम मेरी पक्का है ,
इसीलिए तो मैं रोशन 
अपनी अरमान सजा रखा है ।।

शायद मैं आऊं किसी का उपयोग ,
बनूं उपचार , बनूं न रोग ।।
कुछ ऐसा करूं , 
जाने के बाद भी खोजें मुझे लोग ,
सोचा हूं अरमान सजा कर , 
स्थापित करूं छोटा-मोटा उद्योग ।।

       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, 

बिहार अररिया से प्राप्त श्री कमलेश्वरी मंडल स्मृति काव्य दूत सम्मान

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