जल के संचय
जाकर विद्यालय, कॉलेज, विश्वविद्यालय ,
जानें सदियों से है, और रहेंगे हिमालय ।
फिर भी है हम रोशन को भविष्य का भय ,
इसलिए सोचा हूं, कि मैं करूं जल संचय ।।
ताकि काम आये ये जल,
यहां वहां , आज न कल ।
काम आते ज़िन्दगी भर ,
काम आते ज़िन्दगी भर ,
तब जल बचाने चल ।
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
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