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कवयित्री फ़िज़ा फातिमा की शायरी kavyitri fiza Fatima ki shayari


ज़िन्दगी ने वफ़ा किस से की हैं...
टूट गया हैं रिश्ता. 
सजा किस को दी हैं. 
कोशिश तो हम भी आपको भूलने की 
बहुत करते हैं. 
मगर खुदा ने आपके जैसी बेरुखी 
हमें कहा दी हैं. 



आँखों से गिर कर आंसू कभी हथेली पर आजाता था. 
पानी का एक टुकड़ा...
किसी के लिए अनमोल मोती कहलाता था...
रूठते हुए भी तभी अच्छा लगता था.... 
ज़ब मनाने वाला कुछ पल के लिए खुद रूठ जाता था.


 बातों बातों में तेरा नाम आ ही जाता है.. 
 चाहत के फूल पर भंवरा मंडरा ही जाता हैं... 
 हम सोचते हैं कि आपको याद ना करें.. 
 मगर यादों का पंछी फड़फड़ा ही जाता हैं... 



 ना जिंदगी में कोई आया था.
 तुझसे पहले.
 ना कोई आएगा, 
 तेरे जाने के बाद.
 खुश थे जिंदगी तेरे आने से पहले.
 गंभीर हो गई  है. तेरे जाने के बाद.....


चटख़े  हुए आईने में अक्सर चेहरे बदल जाया करते हैं
 चमकते हुए चेहरे अकसर खुदगर्ज हो जाया करते हैं. मंजिल लंबी हो तो मुस्कुरा कर चलते रहना.
 अगर रातें लंबी हो जाए तो अक्सर फैसले बदल जाया करते हैं......

फ़िज़ा फातिमा 

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