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कविता- कर्म-भागी (कवि चेतन मीना) karm bhagi

कविता- कर्म-भागी

कर्म-भागी  मैं   कर्म  करूंगा,
चल पड़ा हूं तो फिर न रुकूंगा।

मुश्किलों  का तैर समंदर,
जीत की  हुंकार  भरूंगा।

आंधी  हो  या  हो  तूफ़ान
अडिग  होकर  मैं  लड़ूंगा,

काली रैना   हो या  गम का
अंधेरा इनसे न अब डरूंगा।

रास्ते फूलों के नहीं पसंद मुझे
कांटों की राहों  पर मैं चलूंगा,

हौसला लेकर कदमों में जीत
की छलांग भरूंगा,
कर्म-भागी  मैं  कर्म  करूंगा।
नाम- चेतन मीना
पता- घाटा नैनवाडी, बौंली, स.मा.(राज.)
फोन- 9875131374
पिन- 322030

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