रासो साहित्य / Raso sahitya
रासो साहित्य की प्रमुख रचनाऍ / pramukh raso sahity
◆पृथ्वीराज रासो- चंदबरदाई ◆बीसलदेव रासो - नरपति नाल्ह
◆परमाल रासो -जगनिक ◆हम्मीर रासो – शार्ड.ग्धर
◆खुमान रासो- दलपति विजय ◆विजयपाल रासो -नल्लसिंह भाट
◆बुद्धिरासो- जल्हण ◆मुंज रासो – अज्ञात
रासो नाम की अन्य रचनाएँ .
◆कलियुग रासो- रसिक गोविंद। ◆कायम खाँ रासो- न्यामत खाँ जान कवि
◆राम रासो- समय सुंदर ●राणा रासो- दयाराम (दयाल कवि)
●रतनरासो- कुम्भकर्ण। ◆कुमारपाल रासो- देवप्रभ
रासो साहित्य की प्रमुख विशेषताएं .
★ यह साहित्य मुख्यतः चारण कवियों द्वारा रचा गया काव्य है
★ इसमें अपने आश्रयदाता के शौर्य एवं ऐश्वर्य का अतिश्योक्ति पूर्ण वर्णन किया गया है
★ इन रचनाओं में ऐतिहासिकता का अभाव है और कल्पना का अधिक सहारा लिया गया है
★ इन रचनाओं में युद्ध का सजीव चित्रण किया गया है
★ प्रेम का बड़ा ही सुंदर वर्णन किया गया है
★ वीर व श्रंगार रस की प्रधानता है
★ प्रमुख रूप से डिंगल और पिंगल भाषा शैली का प्रयोग हुआ है
★ अनेक प्रकार के छंदों का प्रयोग किया गया है
★ इन रचनाओं में चारण कवियों की संकुचित मानसिकता का प्रयोग देखने को मिलता है
★ रासो साहित्य की अधिकांश रचनाएं संदिग्ध एवं अर्ध प्रमाणिक मानी जाती है|
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