महिला काव्य मंच
महिला काव्य मंच( रजि)उत्तर प्रदेश (मध्य) की लखनऊ इकाई की
काव्य गोष्ठी का आयोजन 29/1/ 22 को गूगल मीट के माध्यम से किया गया। डॉ
रीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता एवं संयोजन में गोष्ठी बहुत ही सफलतापूर्वक
संपन्न हुई। गोष्ठी का आगाज भक्तिमय ईश्वर वंदना से हुआ। गोष्ठी की मुख्य
अतिथि डॉ राजेश कुमारी अध्यक्षा, महिला काव्य मंच
उत्तर प्रदेश रहीं तथा विशिष्ट अतिथि डॉ उषा चौधरी महासचिव महिला काव्य मंच
उत्तर प्रदेश इकाई मध्य रही इस अवसर पर डॉ राजेश कुमारी अध्यक्षा महिला
काव्य मंच उत्तर प्रदेश ने सर्वप्रथम 2022 की प्रथम गोष्ठी होने पर सभी को
बधाई एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी, तथा महिला काव्य मंच के
वार्षिकोत्सव में वर्ष 2021 के लिए राज्य इकाई का सर्वश्रेष्ठ सम्मान
प्राप्त तीन इकाइयों में उत्तर प्रदेश इकाई मध्य का नाम होने को एक बड़ी
उपलब्धि बताया और कहा कि यह सब मंच के अनवरत उत्कृष्ट प्रदर्शन का ही
परिणाम है इसके लिए उन्होंने सभी कवयित्रियों को
हार्दिक बधाई दी तथा भविष्य में बेहतर करने की प्रेरणा दी , उन्होंने अपने
वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और कहा कि
राष्ट्र के गर्व को उजागर करना हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य है, उन्होंने
पराक्रम दिवस तथा बालिका दिवस के लिए सभी को बधाई दी तथा इसी प्रकार
संवेदनशील विषयों के प्रति कवयित्रियों को सजग रहते हुए
आगे भी सशक्त तरीके से अपनी लेखनी को चलाने रहने की प्रेरणा दी।
विशिष्ट
अतिथि डॉ उषा चौधरी ने पुनः सबको बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं
दी तथा अपने प्रेरणास्पद वक्तव्य से सभी में उत्साह का संचार किया,
उन्होंने अपनी कविता 'मेरे चेहरे पर खिला नूर' सुना कर वातावरण को भावुक कर
दिया तत्पश्चात डॉ ज्योत्सना सिंह 'साहित्य ज्योति' ने 'वेश भिन्न परिवेश
भिन्न', डॉ रेखा गुप्ता ने 'हमारे दिल से उन सभी की याद' डॉ अनुराधा
पान्डेय ने 'आने तो देते पापा ',डॉ कीर्ति श्रीवास्तव ने 'चुनाव का मौसम
आने लगा है', श्रीमती साधना मिश्रा लखनवी ने 'वैदिक ग्रंथ ऋचाओं से', डॉ
अर्चना सिंह ने 'अब तो मजहब ही ऐसा बनाया जाए', सुश्री दिव्यांशी शुक्ला ने
'प्रेम क्षण क्षण बदलता है', सुश्री जूली ने 'संत है महंत है', डॉ सुधा
मिश्रा ने 'मैं स्वयं गर्विता मातृरूपणी', सुश्री अंजू ने 'बंद करो अब बोझ
समझना', बीना श्रीवास्तव ने 'प्रकृति को भी गर्व स्वयं पर', श्रीमती शालिनी
त्रिपाठी ने 'हर नारी है पूज्य हमारी' डाॅ स्नेह लता
ने 'उस अजन्मे बच्चे की चीख',पूजा कश्यप ने 'मैं शराब हूं ,मैं शराब हूं
'डॉ कालिंदी पांडे ने 'सर्दी गर्मी बरसात', डॉ पूनम सिंह ने 'प्रणामामि
नमामि' सुश्री सुगन यादव ने 'नूतन है जग नूतन विचार', अर्चना पाल ने
'सुनो एक बात बताता हूं' तथा डॉ राजेश कुमारी ने 'दुनिया में बहुत विवाद
है' सुना कर सभी को सोचने के लिए विवश कर दिया, अंत में डॉ रीना श्रीवास्तव
ने अपनी कविता सुना कर वातावरण को भावपूर्ण बना दिया। कवयित्रियों द्वारा
प्रस्तुत सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक रहीं और श्रोताओं को मंत्र मुक्त करते
हुए खूब वाहवाही बटोरी। डॉ रीना श्रीवास्तव ने अपने कुशल, निर्बाध एवं
परिपक्व संचालन से वातावरण को आत्मीय व जीवंत बना दिया।
इस प्रकार पूरे
वर्ष के लिए अतिरिक्त उत्साह एवं प्रेरणा का संचय करते हुए महिला काव्य मंच
लखनऊ इकाई की जनवरी माह की काव्य गोष्ठी बहुत सफलतापूर्वक संपन्न हुई डॉ
रीना श्रीवास्तव ने कार्यक्रम को अंतिम पड़ाव पर पहुंचाते हुए सभी का आभार
व्यक्त किया तथा 'सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया 'के संदेश के साथ
कार्यक्रम को विराम दिया|
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