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प्रिय तुम्ही हृदय में रहती हो tum mere hridy me rahti ho

तुम्ही मेरे हृदय में रहती हो

चाँद सा चेहरा तुम्हारा।
चाँदनी सी चमकती हो।
फूलों सी महकती हो।
तुम खिलती हुई कली हो।
तुम्ही मेरे हृदय में रहती है।।

प्यार का एहसास तुम्ही हो।
गमो का तूफ़ान तुम्ही हो।
खुशियों की बाहर तुम्ही हो।
सुंदर सौंदर्य रूप तुम्ही हो।
तुम्ही मेरे हृदय में रहती हो।।

प्रेम का ज्वार तुम्ही हो
तुम्ही नस नस में दौड़ती हो
कभी नजरे मिलाती शर्माती हो।
कभी होल होले से मुस्कुराती हो।
तुम्ही मेरे हृदय में रहती हो।।

बदली बन तुम छा जाती हो।
वर्षा बन तुम्ही बरस जाती हो।
तुम्ही इन्द्रधनुष सी छा जाती हो।
मंद मंद शीतल पवन तुम्ही हो।
तुम्ही मेरे हृदय में रहती हो।।

सूरज की पहली किरण तुम्ही हो
दिन का ढलता शाम तुम्ही हो
मेरी आँखो की प्यास तुम्ही हो
तुम मेरे दिल की धड़कन हो
तुम्ही मेरा जीवन - मरण हो
तुम्ही मेरे हृदय में रहती हो।।

              कवि मस्ताना

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