कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

घर में आई नन्ही परी.... ghar me aai nahi pari


घर में आई नन्ही परी*

मेरे घर आई एक, 
नन्ही सी परी।
खुशियां भी लाई, 
वो घर में अनेक।
मेरे घर आई एक, 
नन्ही सी परी।।

दादा दादी की, 
वो लाडली है।
नाना नानी की भी, 
वो दुलारी है।
मम्मी पापा की, 
तो वो जान है।
हल्का सा हंसकर वो, 
सब हंसती है।।
मेरे घर आई एक, 
नन्ही सी परी।
खुशियां भी लाई, 
वो घर में अनेक।

बुआ चाचा को वो, 
आपस में लड़ती है।
पहले में पहले में, 
लेने के चक्कर में।
वो दोनों आपस में, 
लड़ते है।
और ये सब देखकर वो, 
कभी हंसती तो कभी रोती है ।।
मेरे घर आई एक, 
नन्ही सी परी।
खुशियां भी लाई, 
वो घर में अनेक।

दादीयो की तो लगी है, 
घर में जमात।
उससे खिलाने को रहती है, 
हर पल वो तैयार।
पर वो भी इनकी गोदो में जाने को, 
रहती है हर दम जाने को वो व्याकुल।।
मेरे घर आई एक नन्ही सी परी।
खुशियां भी लाई, 
वो घर में अनेक।।

संजय जैन (मुंबई)

No comments:

Post a Comment