शीर्षक- मां सबसे खूबसूरत है
मां जग की जननी है और ममता की मूरत है।
लाख आईना देख ले बंदे, मां की ही तू सूरत है।।
मां का ही तू अंश है, मां तुम्हरी पालनहार ,
डांट डपट मे भी झलके, मां का प्रेम अपार।
बांझ कहे ना दुनिया, तू मां की एक जरूरत है
लाख आईना देख ले बंदे..........
मां ने अपने रक्त से सींचा, तुझको शाम सवेरे,
खुद गीले पर सोई ,तुझको बिस्तर पर हेरे फेरे।
तू आया खुशी हुई मां, जैसे लगन महूरत है।।
लाख आईना देख ले बंदे...........
कितनी शिद्दत से मां ने, प्रेम भाव से पाला है,
मां कहना मां से सीखा, मां ही तेरी पाठशाला है।
तेरी गलती पर भी मां ने बड़े प्यार से घूरत है।।
लाख आईना देख ले बंदे..........
अंगुली पकड़ा मां ने तुझको, चलना भी सिखलाया है,
अच्छे बुरे का भेद भी देखो, मां ने ही समझाया है ।
चांद खिलौने के हट में, मां देती तुझे सबूरत है ।।
लाख आईना देख ले बंदे..........
मां के चरण में काशी काबा, चारों धाम व जन्नत है,
तेरी हर ख्वाहिश पूरी हो, मन मे मां के ये मन्नत है।
"साधक" मात पर सब निछावर, मां सबसे खूबसूरत है ।।
लाख आईना देख ले बंदे.........
नाम-प्रमोद साधक
रमपुरवा रिसिया बहराइच (उत्तर प्रदेश) 271882
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