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कविता बस संसार .....

 कविता बस संसार 
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कविता ही आज कर रही कविता का उद्धार ।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

कविता शब्दों की सागर है,
बस करती शिल्प उजागर है।
कविता दुनिया में मोल कहां,
कविता सच्चे मनका आदर है।

कविता हमें सिखाती प्रेम,भाव, व्यवहार।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

कविता दुनिया का दर्पण है।
बस कविता एक समर्पण है।
मात श्री शारदे के चरणों में, 
लेखक का तन मन अर्पण है।

कविता से ही गीत,गजल सब होते तैयार।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

कविता कबीर की वानी है।
कविता सजीव सम प्रानी है।
कविता कहती सत्य हमेशा,
दोहा, छंदो की  महरानी  है।

कविता छुपे शब्द है कहती करे नही इजहार।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

कविता कवि का लेखन है।
कविता कला आलेखन है।
देखो मंचो पर बस कविता ,
नित करती सदा निवेदन है।

कविता भी इक भाषा है मै इसका चौकीदार।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

कविता से कवि व्यंग कसे।
कविता मे सब है रंग बसे।
कभी नयन मे नीर भरत है,
कभी जन जन खूब हंसे।

'साधक' कविता सकल विश्व मे गंगा की धार।
कविता कवि हृदय बसी कविता बस संसार।

प्रमोद 'साधक'रमपुरवा(बहराइच)

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