हास्य व्यंग्य
(1)सब दल का आपस में कैसे खेल हुआ,
एक साथ ही जबसे इनका मेल हुआ,
रिश्तेदारों की ताकत थी आपस में,
यूपी में मम्मी का पप्पू फेल हुआ।
(2)
यूपी की सत्ता में ना वो बेल किया,
ठंड पड़ी जो चाय उसे रीसेल किया,
सब दल आपस में बैठे अब सोच रहें,
भैया बहनों मितरों बोल के खेल किया।
आजमगढ़ की धरती का चुनाव....
(3)
उसी के गढ़ में मात मै दूं तैयारी थी,
फिल्मों में लव यू लव यू की बारी थी,
आए थे ब्रम्हा का लेख मिटाने ये,
ओवर कॉन्फिडेंस की इन्हे बीमारी थी।
लालू बाबा कि याद में ..........
(4)
लालू बाबा याद तुम्हारी आती है,
भैंस मेरी अब चारा नहीं पचाती है,
गोबर करती दिनभर हम गोबर भरते,
भैंस मेरी हर शाम तुम्हे ही बुलाती है।
दीदी जी के चार विधायक..........
(5)
बदल दिए अब कुर्सी दीदी के नायक,
जैसे गायन करता हो कोई गायक,
चार विधायक दीदी जी के रूठ गए,
कमल खिलाने आए चारों ये नायक।
हास्य कवि आशीष कविगुरु
प्रयागराज(उत्तर प्रदेश)
संपर्क सूत्र:-8052624737
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