जमीं की छोड़ो अब तो आसमान बोलने लगा ग़ुरूर से लबरेज़ हर इंसान बोलने लगा जबसे इंडिया ने छक्कों के छक्के छुड़वाए,, तबसे हाफ़िज़ भी रोहित को अब्बाजान बोलने लगा कवि धीरज कुमार पचवारिया✍ राजगढ़ (म.प्र.) 📞 व्हाट्सएप नं.- 8120287397
No comments:
Post a Comment