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हौसला आसमान-सा

"हौसला आसमान-सा"

रख हौसला आसमान सा
बिन रुके तुम चले जाओ
 नफरत के पौधों को सींचो
प्यार भरे सागर से तुम
 सफलता एक दिन निश्चित ही
 कदम तुम्हारे अवश्य चूमेगी
 उस समय तुम शायद अपनी
अलग-सी पहचान बना लोगे

जुटा कर खुद से ही
 जुनून विश्वास धैर्य साहस
तुम रखो ,ए -बंदे
लक्ष्य ऊंचाइयों से लड़ने का
 ख्वाब रखो ऊंची मीनारों सा
हर मौसम ऋतु से लड़ने का
रखो हौसला आसमान सा
 बिन रुके तुम बड़े जाओ

 संभव है एक दिन तुम
सफल अवश्य हो ही जाओगे
............
Kumar Gireesh
सवाई माधोपुर (राजस्थान)

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