विधा – गीत
शीर्षक– ‘सरस्वती वंदना’
“दया कर ज्ञान की देवी , हमें भी ज्ञान दे दे मां ।
हमारी लेखनी को मां ,कलमबद्ध कर देना
लिखे हम ज्ञान की वाणी,ऐसा शब्द भर देना।
दया कर ज्ञान की देवी , हमें भी ज्ञान दे देना।
हमारी वाणी में मां, मधुरता का स्वर देना
बने हम भी महात्मा बुद्ध,यह उपदेश दे देना।
दया कर ज्ञान की देवी , हमें भी ज्ञान दे देना।
बने हम भी यशस्वी औ,सृजन सरिता की धारा सी
करें हम विश्व को जगमग, ऐसी ज्योति दे देना।
दया कर ज्ञान की देवी , हमें भी ज्ञान दे देना ।।”
लेखिका – रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।
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