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पर्यावरण... Paryavaran


पर्यावरण

आओ जाने क्या है पर्यावरण
यह तो है हमारी पृथ्वी का आवरण...
धीरे-धीरे काट रहे हो
हरियाली को छांट रहे हो..
 धधक रही सूर्य की ज्वाला
ओजोन परत को प्रदूषण बना रहा अपना निवाला...
कहता पेड़ मुझको मत काटो
मैं तो हूं सुख दुख का साथी..
प्राणवायु दे तुम्हें बचाता
फल फूल दे भूख मिटाता...
दूषित हवा खुद लेकर
स्वच्छ वायु तुम्हें दिलाता...
धूप गर्मी बरसात से हैं बचाता
बदले में कुछ नहीं है पाता...
आओ हम स्वीकार करें
वृक्षारोपण का पुनीत कार्य करें....
अपनी संस्कृति का सम्मान करें
पर्यावरण शुद्ध रखने का प्रयास करें.....

         दीपमाला पांडेय

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