धारा 370
नाग पंचमी के पावन अवसर पर
करके नागों का पावन ध्यान।
गिरि गाज धारा 370 पर
हुआ ( 35A) का काम तमाम।।
हाहाकार मचा था घाटी में
बागी नेताओं के हाथ-पांव फुले।
हथकड़ियां जो जकड़ी भारत मां को
आज ही उनके कर बन्ध खुले।।
चाक-चौबंद व्यवस्था कर दी थी
श्री अमित शाह और श्री मोदी ने।
धारा 370 खाक किया था
इच्छा धारी नरेन्द्र भाई मोदी ने।।
फन फैलाये फुफकार किया था
संसद भवन मे वह गाज गिरी।
धारा 370 जलकर खाक हुई
कश्मीर को मिला है राज्य श्री।।
तिरंगा गगन पे लहराता - हँसता
पुराना कश्मीरी झण्डा रोता है।
श्रेष्ठ तिरंगा उसको डाँट रहा
क्यों मुख अपना आँसू से धोता है।।
मै भी कभी यहाँ रोता था
तूं हँसता और विहंसता था।
महबूबा अब्दुल्ला को प्यारा था
तूं सर पे उनके चमकता था।।
दोनों आज है नजरबंद जब
हालत बिल्कुल तेरे जैसी है।
चूहे दानी के चूहे जैसे
बड़े सकते मे पड़े ओवैसी हैं।।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक
अब मेरा ही बोलबाला है।
खूनी पंजे से छूट चुका हूं
मोदी ने हमे निज लोहूं से पाला है।।
जगह-जगह पर बँट रहीं मिठाइयां
घाटी में नव स्वतंत्रता के दीप जले।
नाग पंचमी के शुभ अवसर पर
भारतवासियों को नव अधिकार मिले।।
स्वरचित मौलिक । ।कविरंग ।।
पर्रोई - सिद्धार्थ नगर( उ0प्र0)

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