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क्या तुम्हें खबर है

क्या तुम्हें खबर है

तेरी दिल लगी का,
क्या में सिला दू।
तुम्हें है खबर की,
मुझ पर क्या बीत
रही है।
कुछ तो हुआ है,
तुमको और मुझको।
पर हम ये बात कहाँ
किससे।
कुछ ख़्बायो में गया,
कुछ रातों में गया।
और कुछ पहले तुमके,
 चक्कर में दिन निकल गया।
पर अब भी दोनों,
खड़े उसी जगह पर।
जहाँ से पहले दिन,
चले थे हम दोनों।।

कैसे चलेगी प्यार की,
ये छोटी सी दुनिया।
जिसकी न तुझको,
न मुझको है खबर हैं।
पर भी दिल लगी,
करते रहते है हम।
अब तुम्ही बता दो,
कैसे बसाये प्यार की दुनिया।।

तेरे होठो की हंसी,
बहुत प्यारी लगती है।
तेरी आँखों की अदाएं
बहुत प्यारी लगती है।
तेरी तो हर अदा पर,
दिल मेरा धड़कता है।
अब तो और,
रहा नही जाता।
क्योकिं दिल मेरा अब,
धड़कता तेरे लिए।।

संजय जैन मुम्बई
23/08/2019

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