कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

स्त्रीत्व नारीत्व

स्त्रीत्व


हज़ारों बार 
स्त्रियों को बिखेरा गया
स्त्रियों द्वारा भी और 
पुरुषों द्वारा भी उकेरा गया
नही लिखा गया उन पुरुषों को
जो स्त्रीत्व समेटे 
भावों के उदघोषक रहे
स्त्रियों तुम में से है कोई
जो लिख सके 
द्रोपदी सा अद्भुत चरित्र
कुन्ती सा विह्वल अनुराग
जो पौरुष को व्यक्त करे
ताकि बन सके महाकाव्य
तुम लिख सकोगी
सिया सा वैराग्य
सतीत्व का पहचान के अंश
किसी के पुरुषत्व को
त्याग की मूरत का अभ्यन्श
इतनी लेखकीय चातुरता
नही आएगी जब तक
तब तक कोई भला 
कैसे रामायण कहलाएगी
हे स्त्री तुम सदैव से 
अभिमानिनी रही
खुद को भी सही से 
अभिव्यक्त न कर पाई
सौंप कर खुद को
मुख्य धरा पर कब उतर पाई
तुमसे नही लिखे जा सके
कभी महाकाव्य
और धार्मिक ग्रन्थ
तुम तो बस लेखनी की स्याह
रूप में ही नज़र आ पाई।।
© डॉ ज्योत्सना गुप्ता
गोला गोकरननाथ
जिला लखीमपुर खीरी

No comments:

Post a Comment