युवा पीढ़ी पर कविता
---------------------------युवा पीढी फंस रही है , इंटरनेट की जंजाल में ।
ड्रग्स और नशे के चक्कर में , रोज उड़ाते माल ये ।।
चैन खींचते , ट्रेन लूटते , करते हेराफेरी ये।
बिना ज्ञान के हो जैसे , करते है चोरी ये ,।।
पता चले जब पुलिस को , तो खूब खींचती खाल।
लट्ट पड़े जब जोर को , तब युवा सुधर में हाय ।।
वाट्सएप पर चेटिंग करके , करते हे उसकी वेटिंग ।
हाय हेलो बोल - बोल के , कर लेते है ये सेटिंग ।।
टीवी देखकर बिगडते.. , कहते है इसको फेसन ।
मां - बाप ,को रोज - रोज देते है एक नहीं टैंशन ।।
टीवी सीरियल देखकर , चरित्र निभाते अपना ।
नई - नई चाले चलकर सास - बहू को रोज लडाते ।।
पत्नी के संग कभी बजार ना जावे ।
गर्ल फ्रेंड को सिटी मोल घूमावे ।।
आलात भिगड रहे युवाओं के , बनते जा रहे सब नसेडी ।
पैसों के चक्कर में ये , लूट रहे मां - बहनों को ।।
विस्वास टूट गया अब सबका , इन युवाओं से ।
भूल गए ये ईश्वर को , मनमानी खुद करते हे।।
देख अकेली बहन को , "माल" उसे ये कहते हे ।
बे शर्म हो गए युवा आज के ,
विश्वास नहीं अब करता इन पर कोई ।।
Op Merotha hadoti Kavi
mob :' 8875213775
छबड़ा जिला बारां ( राज ०)
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