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कोरोना पर कविता corona par kavita हमारा बस यहीं कहना हैं hamara bas yahi kahana h

हमारा बस यही कहना है


हमारा बस यही कहना है, घर में ही रहना।
कोरोना की वैश्विक महामारी में पीड़ित है मानवता।
राष्ट्रहित के इस पुनीत कार्य में निभानी है सहभागिता।
कोरोना का कहर है कितना बस यही है बताना।
बचाव का रास्ता है मात्र सतर्कता व सावधान।
स्वस्थ व स्वच्छ रहना बस यही है कहना।
सरकारी निर्देशों व नियमों का पालन है करना।
मानव जीवन को तकलीफें कितनी है ये बताना।
देशवासियों को मीठी मनुहार में यही बतलाना।
मम्मी, पापा, दीदी और भैय्या को है सुनाना।
सामाजिक दूरी रखना, हाथ किसी से ना मिलाना।
बस अभी कुछ और दिन घर में ही रहना।
कोरोना बड़ा ही भयंकर, कर डाला विश्व पर आक्रमण।
मानव जीवन पर छाया है कोरोना का भीषण संक्रमण। 
घर परिवार देश को कोरोना से है बचाना।
लॉक डाउन का पालन कर ,घर मे ही रहना।
समय सदुपयोग के लिए चित्रकारी, लेखन करना।
बच्चों को किताबें व ई-लर्निंग से है पढ़ना।
साथ ही पक्षियों के लिए पानी के परिंडे लगाना।
हर दो घंटे साबुन से हाथों को जरुर धोना।
खाँसी छींक आने पर मुँह को रूमाल से ढकना।
बुखार,खाँसी व सांस में हो तकलीफ़ जरूर बताना।
अस्पताल जाकर बिना संकोच डॉक्टर को दिखाना।
इन्हीं का तो फर्ज है हमें हर बीमारी से बचाना।
जल्दी से विश्व को कोरोना से मुक्ति है दिलाना।
आप इस काम में अपना कदम जरूर बढाना।
ईश्वर, अल्लाह, गुरुदेव व यीशू से यही प्रार्थना।।
कोरोना को इस पृथ्वी से जल्दी दूर भगाना।
हमारा बस यही कहना है, घर में ही रहना।

स्वरचित कविता- आपका अपना
शैताना राम बिश्नोई
राउमावि देवानिया, जोधपुर

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