ये है प्रस्थान
जब तक ये जान है ,
तब तक ये शान है ।
बदलता इंसान है ,
बदलते स्थान है ,
यही तो यारों प्रस्थान है ।।
हम रोशन भक्त, और दूर भगवान है ,
सैनिक और किसान है ।
कला और विज्ञान है ,
वहां तक पहुंचना ही तो प्रस्थान है ।।
कुछ अभियान है ,
उसमें कुछ देना योगदान है ।
गुरुओं का दिया हुआ ज्ञान है ,
उस ज्ञान से जो आगे बढ़े
वह भी तो एक प्रस्थान है ।।
ये प्रकृति और नीला आसमान है ,
हम हिन्दुस्तानी, विश्व का प्यारा देश हिन्दुस्तान है ।
कल मरते ही जाना हमें श्मशान है ,
जन्म से मृत्यु तक जाना भी एक प्रस्थान है ।।
® रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
No comments:
Post a Comment