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तेरा हिस्सा हूँ... Tera Hissa hun (कवयित्री Neha jain)

तेरा हिस्सा हूँ

तेरे वजूद का हिस्सा हूँ
जीवन  का तेरे क़िस्सा हूँ
यही तो परिचय है मेरा
फिर क्यो तू डरता है मुझे अपनाने से,
लड़की हू कोई पाप नही
जन्म देकर भी घृणा मुझसे
क्या ऐसा कोई अपराध हूँ मै
बस पढा देना मुझको 
स्कूल मुझे जाना है और  न कुछ
मांगूगी
बोझ  न बनूँगी तुझ पर 
तेरा कर्ज चुका दूंगी
बस मुझे जीने दे
पढ़ लिख कर कुछ बनने दे
नाम करूँगी तेरा रोशन
वो पल आने दे, 
सीना तेरा चौड़ा होगा
तिरस्कर न मेरा कर
दिन वो आएगा जब तू मुझे गले लगाएगा
मेरी बिटिया कहकर लोंगो से मिलवाएगा
नाक तेरी ऊँची होगी
बनकर वो दिखलाऊँगी
अभी मुझे बस पढ़ने दे पढ़ने दे
नेहा जैन
ललितपुर (उत्तर प्रदेश)

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