ग़ज़ल
फिर मुझे तेरी ज़बानी चाहिए।
एक सुन्दर सी कहानी चाहिए।
वाम दक्षिण हो चुका किस्सा बहुत,
अब मईसत दरमियानी चाहिए।
भूल कर किस्से पराजय के सभी,
फिर से किस्मत आज़मानी चाहिए।
देश की जब आन का हो मसअला,
देश की इज्ज़त बचानी चाहिए।
काल कोरोना कभी जब खत्म हो,
फिर से धरती जगमगानी चाहिए।
हमीद कानपुरी,
अब्दुल हमीद इदरीसी,
वरिष्ठ प्रबंधक, सेवानिवृत्त,
पंजाब नेशनल बैंक,
मण्डल कार्यालय, बिरहाना रोड, कानपुर
No comments:
Post a Comment