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दिल के किसी कोने में

दिल के किसी कोने में,
आज भी सांसे ले रही हैं,
कुछ खट्टी मीठी यादें।
यादें उन पलों की,
जो कभी गुजारीं थी तुम्हारे साथ।
नींद का सौदा करके,
बड़े जतन से सहेजकर रखा है,
उन्हें बड़े लाड़ दुलार से।
कई बार मन ने समझाया कि
बुहार लगाकर साफ कर दूं,
दिल का वह कोना भी।
निकाल फेंकू उन धूल खाती यादों को
जिनका शायद अब कोई औचित्य नहीं।
सजा डालूं उस कोने को भी,
कुछ ताज़ा तरीन यादों से ।
मगर हर बार असफल हो जाती हूं।
दिल के उस कोने को,
आज भी उन यादों से घिरा पाती हूं।

प्रेषक:कल्पना सिंह
पता:आदर्श नगर, बरा, रीवा (मध्यप्रदेश) 

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