कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

Puja पूजा kavi ऋषि कुमार "प्रभाकर

कविता- पूजा


तन कि पूजा मन कि पूजा, पूजा पूजा पूजा है|
विश्वास से पूजा
प्रेम   से    पूजा|
पूजा सारे मन से जो, 
पूजा होती सब कि पूजा|

भाव समर्पण भी पूजा, 
 दिल से पूजा पूजा भी|
हाथ नहीं है जिनके यारो, 
भाव ही उनकी पूजा भी|

तन के कोढ़ी जन के विरोधी, 
उनकी पूजा   स्वीकार  हुई|
ताना बाना यदि  जग देता, 
दर्द के  कारण  पूजा  हुई|


खोल जुबान दे पूजा करलू, 
अब   कैसे   श्रृंगार   करु  |
मन से पापी तन से जालिम, 
अब   कैसे   मै   ध्यान  धरु|

किस विधि से तैयार करु मै, 
पूजा      कैसी     होती    है|
चंदन   फूल  के संग मै  आउ, 
क्या  पूजा  ऐसी  होती   है| तन कि....... 

पाके तुमको कभी न छोड़ू, 
ऐसी   करता   पूजा     हू|
मै मर जाऊ पूजा मे यदि, 
हो पूजा ऐसी विनती करता हूँ|

दुनिया ने सबको पूजा, 
पत्थर और पठारों को|
जल और अग्नि हवा को पूजा, 
पूजा इन सब पशूओं को|

ऋषि कि भी तो पूजा सुन लो, 
दिल   मे  उसे को रखता  हूँ|
भारत माँ का लाल सिपाही, 
उनकी   पूजा   करता   हूँ|

देश के खातिर गला उतारा, 
इसलिए   उनको   पूजा है|
जान गया मै पूजा विधि को, 
बस   देश   प्रेम   ही पूजा है|तन कि...... 

कवि- ऋषि कुमार "प्रभाकर "
पता-  ग्राम खजुरी खुर्द, थाना-तह.. कोरांव, 
जिला- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
पिन कोड 212306

1 comment: