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चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें Sarkari School

 चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें


बच्चे हैं जो दिल के सच्चे, शिक्षक यहां के कितने अच्छे।
गुरू जी यहां के ज्ञान के भंडार और रसखान।
यही सरकारी विद्यालयों की विशिष्ट पहचान।
गुरुवर हम सबको देते अनगिनत प्यार।
माता - पिता के प्यारे बच्चे, आंखों के सितारे।
चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें।
सीखना बातें नयी और आकर सबको बताना। 
पढ़ लिख कर आगे बढ़ना, सफलता की सीढ़ी चढ़ना।
पढ़ लिख कर एक दिन आपको भी देश का नाम कमाना।
सरकारी स्कूल में ही पढ़ना, मात-पिता को यही बतलाना।
मन में है जो सपने उनको सच करके दिखलाना। 
भारत देश का नाम जगत में रोशन कर दिखाना।
चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें।
टैगोर, कलाम, भगत सिंह और बोस जैसा बन कर।
जगत में करोगे रोशन अपना नाम सद्कर्मों पर चलकर।
चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें।
प्रेम भाव और भाईचारे का पाठ दुनिया को सीखाना।
कर्तव्यनिष्ठता, संस्कार और आदर्शता रग रग में बिठाना।
सरकारी स्कूलों में पढ़ कर यह सबको दिखाना।
चलो चलें बढ़े चलें, सरकारी स्कूल चलें।

स्वरचित :- शैताना राम बिश्नोई,
प्रधानाध्यापक
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कालानियों की ढ़ाणी, ब्लॉक सेखाला, जोधपुर (राजस्थान)

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