उसने कहा था कहानी का सारांश
Usne kaha tha kahani ka saransh
कहानी-उसने कहा था |
"उसने कहा था" कहानी चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा लिखी गई एक अमर रचना है। कहानी की शुरुआत अमृतसर के भीड़-भाड़ भरे बाजार से शुरू होती है, जहां पर 12 वर्ष का लड़का एक 8 वर्ष की लड़की को टांगे के नीचे आने से बचाता है। लड़का लड़की से पूछता है कि क्या तेरी (कुड़माई) मंगनी हो गई है, यह सुन लड़की थत कह भाग जाती है। दोनो बाजार में अक्सर कभी सब्जी वाले तो कभी दूध वाले के यहां मिलते थे और लड़का बार-बार उससे यही प्रश्न पूछता था।
कुछ समय बाद जब लड़का पुनः उस लड़के से पूछता है तो वह कहती है कि हां मेरी (कुड़माई) मंगनी हो गई। इस बात पर लड़का उदास हो जाता है। उस घटना के बाद वह लड़का सेना में भर्ती होता है और अंग्रेजों की ओर से फ्रांस में लड़ने जाता है। सेना में सूबेदार हजारा सिंह, जमादार लहना सिंह, वजीरा सिंह और बोधा सिंह के बीच प्रेम,शौर्य और मस्ती की चर्चाएं चलती है। बोधा सिंह बीमार होता है तथा लहना उसका पूरा ख्याल रखता है।
एक बार सूबेदार हजारा सिंह के बुलाने पर जब लहना सिंह उसके घर जाता है तो सूबेदारनी लहना सिंह को पहचान लेती है और उसे बुलाकर कहती है कि जिस प्रकार तुमने मेरी बचपन में रक्षा की थी। वैसे ही यहाँ हम दोनों को बचाना। अंततः लहना सिंह मृत्यु युद्ध में उस लड़की के पति को बचाते हुए हो जाती है। इस प्रकार उसने कहा था कहानी त्याग प्रेम देशभक्ति इत्यादि की भावनाएं प्रकट करती है।
Usne kaha था कहानी के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी है।
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