व्यवहार
कोई कितना भी क़रीब हो
रिश्ता पास - दूर का हो
दूर - दूर से हँस - बोल लो
कभी - कभी आना - जाना
बहुत ही अच्छा रहता है
सबकी पर्सनल जिंदगी है
हरपल तुम संग रहोंगे
वह इंसान बदल जायेगा
पहले जैसा कुछ नही होगा
साथ बैठ, हसना बोलना
दुःख - सुख कहना - सुनना
अनबन हो जायेगा
व्यवहार बदल जायेगा।।
राजू कुमार मस्ताना
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