मैं मुसलमान हूँ
कौम मेरा बदनाम हैकारनामे जो महान है।
पकड़ा जाता जो-जो आतंकी,
धर्म से वह मुसलमान है
पर मेरा क्या गुनाह है।
हाँ मैं मुसलमान हूँ,
लेकिन मै गद्दार नही।।
धर्म से मै मुसलमान हूँ,
लेकिन; पहले मै इन्सान हूँ।
जमीर मेरा जिन्दा हैं,
जिस थाली में खाता हूँ,
उसी गुण का गाता हूँ।
मैं भी देशप्रेमी हूँ,
हिंदुस्तानी-भारतवासी हूँ।
हाँ मैं मुसलमान हूँ,
लेकिन मै गद्दार नही।।
खून मेरा भी खौलता है,
जब अपने ही धोखा देते है,
हमला अपने घर में ही करते है।
मृत्यु की घात उतार देते है,
जिहाद्दी, नही देशद्रोही हैं,
मुसलमान नही, हैवान वो है।
हाँ मैं मुसलमान हूँ,
लेकिन मै गद्दार नही।।
बचपन से इस मिटटी में खेला हूँ,
गाथा हिंदुस्तान का मै गाता हूँ।
मेरा भी घर-बार यहाँ हैं,
मान सम्मान है मेरा भी,
होली दिवाली ईद यही मनाता हूँ।
इसी देश पला-बड़ा हूँ,
हाँ मैं मुसलमान हूँ,
लेकिन मैं गद्दार नही।।
शक की नजर से देखते हो,
कही मै आतंवादी तो नही,
देशद्रोही-पाकिस्तानी तो नही।
ना गलती आपकी हैं, ना मेरी है;
कुछ मजहब के शैतानों की मेहरबानी है।
हाँ मैं मुसलमान हूँ,
लेकिन मै गद्दार नही।।
अमरनाथ यात्रीयों की बात हो
या कश्मीरी पत्थरबाज हो,
तिरंगा जलाने वाले धोखेबाज हो
या हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे हो,
धर्म से सबके सब मुसलमान है।
पर मेरा क्या गुनाह है
हाँ मै भी मुसलमान हूँ,
लेकिन मैंने गद्दार नही।
गद्दारों को धुल चाटना
जड़ से उखाड़ना चाहता हूँ,
ऐसे कीडों को नर्क दिखाना चाहता हूँ।
असल मे मुसलमान हूँ,
बमविष्फोटक, निर्बलो का संहारक,
आतंकवाद का पालक मुसलमान नही।
गर्व से कहता हूँ मै मुसलमान हूँ,
हाँ मै मुसलमान हूँ.....।।
राजू कुमार "मस्ताना"
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