रात मुझे तू याद आती है
पूरी रात मुझको तेरी याद सताती है ।
तुझे भूल नही सकता मै कभी भूल कर
याद तेरे इश्क़ की हमको रुलाती है ।
कभी-कभी तो सुबह तक जगा रह जाता हूँ ।
रात भर तुम्हे ही सोचता रहता हूँ ।
रात भर तुम सोती रही,
बगल में तेरे मै बैठा रह गया ।
पता नही किस बात में डूबा रह गया ।
वो दर्पन ही क्या ? जिसमे तू नजर ना आए ।
वो तस्वीर ही क्या ? जिसमे तू नजर ना आए ।
वो शब्द ही क्या ?जिसमे तेरा नाम ना हो ।
वो बात ही क्या जिसमे मोहब्बत का पैगाम ना हो ।
सोचा तुम मिली तो मुझे सब मिल गया,
जैसे मुझको रब मिल गया ।
तुम्हे देखकर सोचता रह गया ।
ना जाने मुझको प्यार हो गया ।
सौरभ कुमार ठाकुर
मुजफ्फरपुर,बिहार
ईमेल- saurabhkumarlekhak@gmail.com
पूरी रात मुझको तेरी याद सताती है ।
तुझे भूल नही सकता मै कभी भूल कर
याद तेरे इश्क़ की हमको रुलाती है ।
कभी-कभी तो सुबह तक जगा रह जाता हूँ ।
रात भर तुम्हे ही सोचता रहता हूँ ।
रात भर तुम सोती रही,
बगल में तेरे मै बैठा रह गया ।
पता नही किस बात में डूबा रह गया ।
वो दर्पन ही क्या ? जिसमे तू नजर ना आए ।
वो तस्वीर ही क्या ? जिसमे तू नजर ना आए ।
वो शब्द ही क्या ?जिसमे तेरा नाम ना हो ।
वो बात ही क्या जिसमे मोहब्बत का पैगाम ना हो ।
सोचा तुम मिली तो मुझे सब मिल गया,
जैसे मुझको रब मिल गया ।
तुम्हे देखकर सोचता रह गया ।
ना जाने मुझको प्यार हो गया ।
सौरभ कुमार ठाकुर
मुजफ्फरपुर,बिहार
ईमेल- saurabhkumarlekhak@gmail.com
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