जब कोई अकेला रहता है
जो गर्म गर्म भोजन करता था
आज वो ठंडा भी कर लेता है।
रात का भोजन बासि लगता था,
अब वो भी प्यारा लगता है
जब कोई अकेला रहता है।
कभी बनाता, नही बनाता
मार्केट से थोड़ा बहुत खा लेता
कभी भरपेट-आधे पेट सो जाता
फिर भी वो खुश रहता है
जब कोई अकेला रहता है।
देर तक सोना भूल गया
वो भोजन पकाना सीख गया
साग सब्ज़ी लाने में शर्म नही
सब काम समय पर कर लेता है
जब कोई अकेला रहता है।
खाना लाओ,पानी लाओ
नमक नही है, कच्चा है
फरमाईस, ताने भूल गया
चुपचाप समझोता कर लेता है
जब कोई अकेला रहता है।
कवि मस्ताना
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