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खूबसूरत... Khubsurat Dusri bataunga

     कोई दूजी पटाऊँगा

उसे सुरत पे घमंड हैं, हुर परी ले आऊँगा 
यादों में नही रोने वाला, अप्सरा पटाऊँगा।1।

मुझे अकेला छोड़ दिया, मै क्या मर जाऊंगा 
बहुत हैं इस दुनिया में, कोई दूजी पटाऊँगा।2।

मैं अब उसे जलाऊंगा, संग दूसरी घुमाऊंगा 
क्या है प्यार-मोहब्बत, अब उसे दिखाऊंगा।3।

यादो मे उसकी घुट-घुट, मै नही रोने वाला 
अपने दिल को समझा, मै उसे भुलाऊँगा।   4

दर्द दिल में लिए , मयख़ाने में नही जाऊँगा
मोहब्बत से हाकर, मधुशाला नही उठाऊँगा।5।

अब हर-रोज़, कभी यहाँ - वहाँ, इधर - उधर
संग कलियों - फूलों, रासलीला मैं रचाऊँगा ।6।

अब दिलबर नही होगा, कोई एक मेरा 
अनेकों संग खेल, प्रेम का मै खेलूँगा।7।

उसको अब रुलाऊँगा, रोज रोज जलाऊंगा
अब किसी और संग, सुबह शाम मै घुनमुंगा।8।

                       कवि मस्ताना

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