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एक कविता "प्यार"



जब आँख खुली तो पास में,
लवर को अपने पाया था ।
उसका सुन्दर सा चेहरा मैने,
आँखों में बसाया था ।
रोज डे का दिन था वो,
जिस दिन आई लव यू बोला था ।
उसके चेहरे को सुन्दरता को,
निज-अन्तर में सदा सहेजा था ।
वो ऐसी लड़की थी जो,
पहली दफा में पसंद आई थी ।
मेरे आँखों में उसकी सुरत,
ही सदा समाई थी ।
पहली दफा में ही मै उसको,
अपना दिल दे आया था ।
नही पता था प्यार क्या है ?
पर मै प्यार कर बैठा था ।
  
       कवि-सौरभ कुमार ठाकुर 



लेखक जानकारी
नाम-सौरभ कुमार ठाकुर 
पिता-राम विनोद ठाकुर 
माता-कामिनी देवी
ग्राम-रतनपुरा,डाकघर-गिद्धा,थाना-सरैया,जिला-मुजफ्फरपुर,राज्य-बिहार,भारत,पिन कोड- 843106
लेखन कार्य प्रारंभ- 01 जनवरी 2018 से अब तक
लेखन शैली- काव्य और गद्य (कहानी,कविता,लघुकथा और लेख विशेषकर)
उम्र-14 साल
अभी तक एक कहानी "पूरा शहर सुधर गया" बाल भास्कर पत्रिका में प्रकाशित

सम्मान- सौहार्द भूषण,प्रेम भूषण,सास्वत रत्न,दो सम्मान पत्र,साहित्य रत्न,और फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान

ईमेल- saurabhkumarlekhak@gmail.com

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