कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

इज्ज़त

इज्जत*

आओ इज्जत की रोटी खाएं।
आओ इज्जत का महल बनाएं ।

इज्जत दुनिया की सबसे बड़ी कमाई है।
इज्जत एक धरोहर इज्जत अपनी माई है।
उस घर जाना बस इज्जत जिस द्वार हो।
इज्जत से प्रेम हो इज्जत ही सदाचार हो।

इज्जत देकर हम इज्जत पाएं।
आओ इज्जत का महल बनाएं।

इज्जत सबके सच्चे मन की भाषा है।
इज्जत मां बहनों की अभिलाषा है।
इज्जत ही कठिन मार्ग की आशा है।
इज्जत छोटे-बड़े की इक परिभाषा है।

 इज्जत देखो हम सभी कमाएं।
 आओ इज्जत का महल बनाएं।

सभ्य को इज्जत मुफ्त मिल जाती।
इज्जत हित दुनिया ठोकर खाती।
जो सबकी इज्जत को गले लगाता।
वह ऊंचे धर्म शिखर पर चढ़ जाता।

इज्जत अपनी हम सभी बचाएं।
आओ इज्जत का महल बनाएं।

जो इज्जत का करे तमाशा।
उसको जीवन मे मिले हताशा।  
सभ्यता इज्जत की जननी है।
'साधक' सबकी इज्जत करनी है।

सब मिल इज्जत के गुण गाएं।
आओ इज्जत का महल बनाएं।

*प्रमोद साधक 
रमपुरवा(बहराइच)*

No comments:

Post a Comment