जिंदगी का सफर कैसा हो
मिला है मनुष्य जीवन,
जीने का मौका हमें।
तो सफर कर रहे हैं,
जिंदगी को जीने का।
तो क्यो न इसे हम,
आप साकार बनाये।
और इस जीवन को,
कल्याण करने में लगाये।।
धर्म के साथ जीने का,
फल अच्छा मिलता है।
मैं नही कहता ऐसा,
इतिहास के पन्नो में मिलता है।।
तथ्यों को जो समझता है।
वो ही व्यक्ति एक,
नया इतिहास रचता है।।
उम्र का पड़ाव दोस्तो,
बहुत छोटा सा है।
हमारा काम करने का,
सफर बहुत लंबा है।
कैसे इस पड़ाव को,
पार हम कर पाएंगे ।
और कैसे अपने जीवन,
को सार्थक बना बनायेगे ?
जीवन के सफर को,
मौज मस्ती धर्म कर्म,
के साथ जो जीयेगा ।
वो ही अपना नाम,
इतिहास के पन्नो में लिखवायेगा।
और नाम अपना अमर कर जाएगा।।
संजय जैन (मुम्बई)
17/05/2019
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