प्रेम का प्रसंग
कभी कभी ये दिल,
बहुत उदास होता है।
पर जब भी याद,
आप की आती है ।
तो खुशी से दिल,
मेरा झूम उठता है।
ऐसा क्या है आपमे ?
जो इस नचीज के,
दिलको बहुत भाता है।।
मेरी तन्हाईयाँ मुझ से,
ये ही पूछती है ।
क्यो तुम किसी से,
दिल लगा बैठे हो।
जबकि वो तुम को
शायद न चाहते हो?
पर तुम उन्ही के,
नाम पर जी रहे हो।
प्रेम प्यार का रिश्ता,
बहुत नाजुक होता है।
जो थोड़ी सी ठोकर से,
कभी भी टूट सकता है।
इसलिए इस राह पर,
कांटे बहुत मिलते है ।
गुलाब के फूल कम।।
किस किस को तुम,
बताओगे अपना प्रेम प्रसंग।
सुन कर सब हंसेंगे,
तेरे इस प्रेम प्रसंग पर।
प्यार जिस को करो,
उसे बदनाम न करो।
प्यार में पानाखोना तो,
लगा ही रहता है।
जो ये सोच रखते है।
वो ही जीतते है,
प्यार की जंग को।।
संजय जैन (मुम्बई)
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