कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

राजनीति कविता Rajneeti kavita


========वाह रे राजनीति==========

जरा झांक कर देखो अंतर्मन में 
वीरों ने  कैसे  रात  गुजारी है। 
यह सेना का सम्मान है कैसा?
सेना पर राजनीति क्यू जारी है।

बस अपना उल्लू सीधा करना ।
ईश्वर से  भी  काहे  को  डरना ।
 चलो एक बार हाथ फिर जोड़े ।
 फिर पांच साल बरसायेगें कोड़े।

नहीं शहादत की इनको चिंता 
यह जो श्वेत वस्त्र के धारी हैं।
यह सेना का सम्मान है कैसा?
सेना पर राजनीति क्यू जारी है।

रोज कर्ज माफी पर करें हंगामा।
बस इनका कुर्ता श्वेत रहे पजामा।
बल्ला गेंद करें देश की अगुवाई।
कुछ बेरहमो को रहम ना आई।

आज खिलाड़ी का एक शतक, 
 कहीं यार शहादत पर भारी है।
 यह सेना का सम्मान है कैसा ?
सेना पर  राजनीति  क्यू जारी है।

सुनो  राजनीति के  ठेकेदारों।
तुम भी  घर  परिवार उतारो।
 है कौन वतन पर मरने वाला।
 अरे कहां वतन का है मतवाला।

कूदों 'साधक' कफन बांधकर 
 रण में आज तुम्हारी बारी है।
यह सेना का सम्मान है कैसा?
 सेना पर राजनीति क्यू जारी है।

स्वरचित- मौलिक रचना 
*प्रमोद साधक रमपुरवा रिसिया बहराइच*
मोबाइल  988 988 6061

No comments:

Post a Comment