कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

हुश्न कि तारीफ़. Tarif

तारीफ़

हुश्न की तारीफ में 
शब्दों का जाल बुनता हूँ।
उसको तारीफ़ पसंद है
दिनरात तारीफ करता हूँ।
उपमाओ की माला बुनता हूँ
कभी आरोप-प्रत्यारोप करता हूँ।
उसकी खुशी के लिए
चाँद मे दाग कहता हूँ
उसको बेमिसाल कहता हूँ।

         कवि मस्ताना 

No comments:

Post a Comment