"""बेटी'"""
कब तक बेटी जुर्म सहेगीकब तक उफ न बोलेगीकब तक छुप छुप कर सिसकेगीकब तक लब न खोलेगीजिस बेटी को देश मेदेवी रूप में पूजा जाता हैबही पे नित उस बेटी कीइज्जत को लूटा जाता हैदिलरोता है जब ये खबरेछप कर सम्मुख आती हैकैसे सहती होगी बेटी,दिल को बहुत डराती हैसंबिधान में कुछ संशोधनलाज़िम है अब कर डालोबेटी के जो मान से खेलेगोली उसमे भर डालोसौरभ हिंदुस्तानीदातागंज
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बेटी...Beti
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