कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

बेटी...Beti


"""बेटी'"""

कब तक बेटी जुर्म सहेगी 
कब तक उफ न बोलेगी 
कब तक छुप छुप कर सिसकेगी 
कब तक लब न खोलेगी 
जिस बेटी को देश मे 
देवी रूप में पूजा जाता है 
बही पे नित उस बेटी की 
इज्जत को लूटा जाता है 
दिलरोता है जब ये खबरे
 छप कर सम्मुख आती है 
कैसे सहती होगी बेटी, 
दिल को बहुत डराती है 
संबिधान में कुछ संशोधन 
लाज़िम है अब कर डालो 
बेटी के जो मान से खेले 
गोली उसमे भर डालो 
सौरभ हिंदुस्तानी 
   दातागंज

No comments:

Post a Comment