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ख़ुश रहने का राज..

ख़ुश रहने का राज

स्नेह प्यार से ही हम, जीवन को जीते है।
तभी तो हर हाल में,
हम खुश रहते है।
देखा नही कभी भी,
किसी की ऊंचाइयों की तरफ।
स्वंय की योग्यता के अनुसार,
अपना जीवन को जीते है।।

न ही करता हूँ किसी से, भी कोई होड़ा होड़ी।
स्वंय को देखकर ही,
अपनी रचनाये लिखते है।
और मिलते है जो भी, पाठको के कमेंट हमे,
उसमें खुश हम रहते है।।

सादा जीवन बड़ी ही, मस्ती के साथ जीते है।
और हर दम हर हाल में, खुशी के साथ जीवन जीते है।
शायद लोग इसको हमारी, खुशी का राज समझते है।।
और हमारी लेखनी पर ,
बहुत अच्छी अपनी प्रतिक्रियां लोग देते है।।

संजय जैन (मुम्बई)

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