माँ तुम मेरा जहान
रास्ता तुम्हीं हो और तुम्हीं हो मेरा सफ़र,वास्ता तुम्हारा है हर घड़ी और हर पहर,
तुम ही मेरे जीवन की सबसे मजबूत कड़ी,
तुम ही मुश्किलों में सिर्फ मेरे साथ खड़ी,
मुझको धूप से बचाने बनके आती छांव हो,
तुम ही मेरा शहर और तुम ही मेरा गाँव हो,
मेरी सारी उलझनों का एक सिर्फ तुम ही हल,
मेरी जिंदगी की दुआ और तुम ही मेरा बल,
मेरे सारे मर्जो का तुम ही माँ इलाज़ हो,
तुम ही घर की लक्ष्मी जो रखती घर की लाज हो,
मेरी जिंदगी का तुम सबसे बड़ा ईनाम हो,
तुमसे ही मेरा जीवन माँ तुम ही तो चारोंधाम हो,
-©शिवांकित तिवारी "शिवा"
युवा कवि एवं लेखक
सतना (म.प्र.)
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