*आचार्यश्री का मुंबई में इंतजार*
विद्यासागर जी की राह निहार के।मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में।
सब की अँखियों के नूर, सब के दिलो के सुरूर।
चाहे रहो कितनी दूर,
लाना है मुंबई में ज़रूर।।
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में।
ज्ञान बरसे, दुनिया जाने।
मुंबई तरसे कोई न जाने।
दिल में लगी है मुंबई लाने।
इसलिए मुंबई वाले,
आये है श्रीफल चढ़ाने।
चाहे रहो कितनी दूर,
लाना है मुंबई में ज़रूर।।
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में।
जिस दिन मुंबई को मिलेगा मौका।
ज्ञान की गंगा बहेगी यहाँ पर।
देखेगी सारी दुनिया ये चौमासा।
बस गुरुवार की हाँ का इंतजार है।
हम लोग खड़े है तेरे द्वार पर।।
विद्यासागर जी की राह निहार के।
मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में।
संजय जैन (मुंबई)
07/06/2019
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