आचरण
बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिंदगी मेंसफर कट जाता है सिर्फ सीखने में
कुछ किताबों में मिल जाता है
कुछ सबक पढ़ने मिलते हैं जमाने में....
इसलिए...…...
रूप नहीं बल्कि आचरण हो ऐसा
जो सबके मन को भाए
इस उपलब्धि को देखकर
सबका मन प्रसन्न हो जाए....
क्योंकि.....
डिग्रियां कितनी भी ले लो
वाहवाही सबसे नहीं मिलती है
वास्तविक शिक्षा वही होती
जो आचरण से झलकती है.....
इस दुनिया में....
लेना देना खाना पीना
जीवन में सब कुछ भूल जाओगे
पर आचरण से
अपनी पहचान बनाओगे......
याद रखना हमेशा...
संस्कार का पता तब चलता है
क्रोध में व्यक्ति का आचरण दिखता है
उसकी अपनी कोई कीमत नहीं
पर दिलों को खरीद सकता है....
सुन लो बच्चों....
आजकल के फैशन में
चलना अच्छी बात है
ध्यान रहे पर नौजवानों
करना नहीं आचरण का त्याग है
हम सब.....
आओ मिलकर बुराइयों का
प्रतिकार करें
स्वयं की बुद्धि , विवेक से
अच्छे आचरण को अंगीकार करें.....
दीपमाला पांडेय
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