*गुरुभक्ति*
जय जय जय जय गुरु देव, मुझे दर्शन दो।अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो।
जय जय जय जय गुरु देव, मुझे दर्शन दो।।
कल रात सपने में,
मैंने तुम को देखा था।
जैसे कह रहे थे तुम,
आ जाओ मेरी शरण।
ये कैसा सपना था,
क्या सच्च हो सकता है।
यदि ये सच हो जाये,
मेरा जीवन साभार जाये।।
जय जय जय जय गुरु देव, मुझे दर्शन दो।
अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो।।
हर शाम सबेरे,
संजय तुम्हें जपता है।
हर सुबह उठाते ही,
तेरी पूजा करता है।
श्रध्दा और भक्ति का,
मुझे इतना फल तो दो।
मेरे दीक्षा गुरुवार,
तेरे कर कमलो से हो।।
जय जय जय जय गुरु देव, मुझे दर्शन दो।
अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो।।
संजय जैन (मुम्बई)
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