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क्या आपकी मुस्कान है*.. Kya muskan h apki


*क्या आपकी मुस्कान है*

फूल कितना सुंदर है।
पर तुमसे सुंदर नही।
फूल देख मुस्करा देते है।
बिना फूल के तुम्हारी, 
 मुस्कान का जबाव नही।।

देख कर गुलदस्ता लोग,
 अपने इरादे बदल लेते है।
पर तुम जो हो इंसान की
पहचाना,
उसके शब्दो से करती हो।
तभी तो सदा हँसती रहती हो।
और सामने वाले को भी लुभाती हो।।

लूटकर दिल कितनो का, 
 अपना दीवाना बना लिया।
पर दिल अपना किसी पर, आज तक न लूटने दिया।
वाह क्या अदाएं है तेरी,
जो सब को मदहोश करे जा रही है।।

अब तो डर मुझको भी लगाने लगा।
आज कल के हालात देखकर।
कही दो दोस्तों की मोहब्बत,
 पर भी दाग न लग जाये।
और बेबजह तुम कही बदनाम न हो जाओ।।

संजय जैन (मुम्बई)
14/06/2019

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