प्रेरणा
संसार के सारे जीवहमे प्रेरणा देते है।
जीवन कैसे जीना है ,
वो हमें सिखाते है।
चींटी करती मेहनत
दाना चुन लाती है।
मिलो का सफर करके
भोजन वो लाती है।
भोजन वो लाती है।
सूरज को देखो जरा
कितना वो तपता है ।
जल जलके हम सबको
वो रोशनी देता है ।
वो रोशनी देता है।
पेड़ो का क्या कहना
वो धूप में तपते है।
पत्थर मारें उनको भी
फल मीठा देते है
वो फल मीठा देते है ।
जाने कितने उदाहरण है
किस किस को गिनाऊ मैं।
अपनी नन्ही कलम से।
कितना कलाम बनाऊ मैं।
परी कलाम बनाऊ मैं ।
प्रेक्षा डॉन गोधा
"परी"
दुर्ग छत्तीसगढ़
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