बूँद
बूँद की है अमर कहानी
बूँद है जीवन बूँद जिंदगानी।
बूँद की ताकत बड़ी रुहानी
बूँद बनायी धरा सुहानी।।
बूँद - बूँद से सागर बनता
बूँद - बूँद से शक्ति पनपता।
बूँद - बूँद से वृक्ष है बढ़ता
बूँद से ही जग है मचलता।।
बूँद रक्त है बूँद है पानी
बूँद बुढ़ापा बूँद जवानी।
बूँद चमकता हीरा जानी
बूँद झलकता बड़ा रुमानी।।
बूँद हँसी है बूँद खुशी है
जगत मे आकर बूँद फंसी है।
बूँद हृदय धड़कन में धंसी है
बूँद है सूरज बूँद शशी है।।
स्वरचित मौलिक
कविरंग
पर्रोई - सिद्धार्थ नगर( उ0प्र0)

No comments:
Post a Comment