कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

यमुनोत्री वर्णनम्



                             यमुनोत्री वर्णनम्


पथ है महा विकट पल-पल को संकट, हिम अति संनिकट  यमुन शुभ्र जल।
आरत को पुकारत कोउ नहिं सम्हारत, हृदय है विदारत सुषमा है अमल।।
ठंडक बड़ो दिखात धुले तरु पात-पात, दिव्य दर्शन करात मन भयो निर्मल।
झरना झरत नीर क्षण में खोवत धीर, शीत होत है शरीर हृदि खिलो कमल।।

स्वरचित                    ।। कविरंग ।।
                   पर्रोई - सिद्धार्थ नगर( उ0प्र0)

No comments:

Post a Comment